अनिल यादव
एक रात मुझे सपना आया कि मै एक चैनल में सीनियर पोस्ट पर पहुंच चुका था। वो सपना मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे सपनों में से एक था । क्योंकि मेरी तो जिंदगी ही बदलती जा रही थी ( सपने में ) मै भी ताव में आने लगा था , मेरे भाव धीरे-धीरे आसमान छूने लगे थे , बिना कोई बात के मै भी चिल्लाना सीख रहा था । क्योंकि अगर मैं नहीं चिल्लाउंगा तो मुझे कोई हेड ही नहीं समझेगा और मैं ये भी भूल चुका था कि मै भी इसी जगह से हूं। अब मेरे हाथ में जादू आ चुका था कि जिसको छू लूं तो कुछ भी बना दूं मै अपने आपको भगवान से भी उपर समझने लगा था । मैं अपनी इंसानियत भूलता जा रहा था । मैं अब अपनी नीचता पर उतरता जा रहा था । अब मुझे हर लड़की में एंकर के गुण दिखते थे । क्योंकि एंकर बनने के लिए के ज्ञान या आवाज की जरुरत नहीं होती । एंकर बनने के लिए तो सिर्फ जरुरत होती है तो सुंदर से चेहरे की । अगर आप आज की न्यूज से अपडेट नहीं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा बशर्ते की आप आज सुंदर दिख रहीं हों।और मेरे करीब हो तो सब ठीक रहेगा लेकिन अगर किसी और के साथ देख लूंगा तो शामत आ जाएगी आपकी । करीब का मतलब आप गलत तो नहीं लगा रहे आपका क्या आप तो कुछ भी सोच और कह सकते हो । गलत मतलब मत लिजिएगा क्योंकि फितरत पर आप सवाल नहीं उठा सकते । मेरी नींद टूट गई साथ ही साथ मेरा सपना भी चलों अच्छा हुआ मेरा सपना टूट गया क्योंकि कब तक मै ये सब करता नींद खुलते ही मुझे अपने आप पे शर्म आ गई क्योंकि मै ये सब सोच भी कैसे सकता था ।
2 Responses
  1. Unknown Says:

    ये सपना हर आजकल हर मीडिया कुकर्मी देखना चाहता है...और ये भी चाहता है कि सपना हकीकत में तब्दील हो जाए...