अनिल यादव
सहवाग थोड़ा सा संभलो अब लगता है कि आप भी पॉलिटिक्स में कदम रखना चाहते है । शुरुआत तो आपने कर ही दी है। जिस दिल्ली ने आपको इतना सम्मान दिया जिसकी बदौलत आप यहां तक पहुंचे उसी को छोड़ने की बात करते हो । जब तक आप भाई भतीजों का सलेक्शन टीम में हो रहा था तब तक आप खुश थे। लेकिन अब आपको अचानक क्या हो गया। अब धमकी देते हो की दिल्ली की टीम से नहीं खेलोगे । आपका बड़प्पन तब माना जाएगा जब आप इंडिया की टीम से भी ना खेलने की धमकी दें । लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योकि,, साथ ही साथ शर्म आनी चाहिए ईशांत, गंभीर और नेहरा को भी जो सहवाग के सुर में सुर मिलाने लगे हैं। तीनों खिलाड़ियों को शर्म आनी चाहिए क्योंकि तुम तीनों को अब क्या हो गया पहले कुछ नहीं दिखाई दिया लेकिन सहवाग के उछलते ही आप भी उछलने लगे क्यों पहले आप अन्याय सहते रहे अब आपने ऐसा क्या देख लिया। कुछ तो शर्म करो।