अनिल यादव

हर कोई अपने बॉस को कोसता रहता है... पता नहीं क्यों॥ आपको पता है कि बॉस बनने में नहीं बल्कि बॉस बने रहने में कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। तो हम आपको बताते है कि क्या-क्या करना पड़ता है। १. बॉस की हर बात में हां मिलाना

२.चीखना चिल्लाना और गंदा माहौल क्रिएट करना

३. काम करना नहीं.... पर काम करते दिखना

4। बॉस से सारा क्रेडिट खुद लेना... जूनियर के काम का क्रेडिट लूटना

5। कोई गलत काम होने पर अपना पल्ला झाड़ना

6। पूरे दिन खाली बैठना पर बॉस के एंटर करते ही एक्टीव हो जाना

6। पूरे के पूरे काम को खुद के लिए कैश करना... पर उन्हे ये नहीं पता की बाकी टीम ने भी इसके लिए मेहनत की है।
7। दिन में चाहे अपना काम पूरा ना हो पर बॉस के पास हाजिरी लगाने टाईम से पंहुचना ........


ये सब सुनने के बाद शायद आपको अपने बॉस की मेहनत का पता चल गया होगा तो प्लीज बॉस के आगे से चीखने चिल्लाने को गलत मत समझे सिर्फ उसे अपनी नजरों से गिरा दें और ऑफिस में उठा दे ... क्योंकि ऐसे बॉस सदियों में जन्म लेते है।

* सभी बॉसस के लिए लागू नहीं सिर्फ कुछ हवाबाजों के लिए
अनिल यादव
सहवाग थोड़ा सा संभलो अब लगता है कि आप भी पॉलिटिक्स में कदम रखना चाहते है । शुरुआत तो आपने कर ही दी है। जिस दिल्ली ने आपको इतना सम्मान दिया जिसकी बदौलत आप यहां तक पहुंचे उसी को छोड़ने की बात करते हो । जब तक आप भाई भतीजों का सलेक्शन टीम में हो रहा था तब तक आप खुश थे। लेकिन अब आपको अचानक क्या हो गया। अब धमकी देते हो की दिल्ली की टीम से नहीं खेलोगे । आपका बड़प्पन तब माना जाएगा जब आप इंडिया की टीम से भी ना खेलने की धमकी दें । लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योकि,, साथ ही साथ शर्म आनी चाहिए ईशांत, गंभीर और नेहरा को भी जो सहवाग के सुर में सुर मिलाने लगे हैं। तीनों खिलाड़ियों को शर्म आनी चाहिए क्योंकि तुम तीनों को अब क्या हो गया पहले कुछ नहीं दिखाई दिया लेकिन सहवाग के उछलते ही आप भी उछलने लगे क्यों पहले आप अन्याय सहते रहे अब आपने ऐसा क्या देख लिया। कुछ तो शर्म करो।
अनिल यादव
एक रात मुझे सपना आया कि मै एक चैनल में सीनियर पोस्ट पर पहुंच चुका था। वो सपना मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे सपनों में से एक था । क्योंकि मेरी तो जिंदगी ही बदलती जा रही थी ( सपने में ) मै भी ताव में आने लगा था , मेरे भाव धीरे-धीरे आसमान छूने लगे थे , बिना कोई बात के मै भी चिल्लाना सीख रहा था । क्योंकि अगर मैं नहीं चिल्लाउंगा तो मुझे कोई हेड ही नहीं समझेगा और मैं ये भी भूल चुका था कि मै भी इसी जगह से हूं। अब मेरे हाथ में जादू आ चुका था कि जिसको छू लूं तो कुछ भी बना दूं मै अपने आपको भगवान से भी उपर समझने लगा था । मैं अपनी इंसानियत भूलता जा रहा था । मैं अब अपनी नीचता पर उतरता जा रहा था । अब मुझे हर लड़की में एंकर के गुण दिखते थे । क्योंकि एंकर बनने के लिए के ज्ञान या आवाज की जरुरत नहीं होती । एंकर बनने के लिए तो सिर्फ जरुरत होती है तो सुंदर से चेहरे की । अगर आप आज की न्यूज से अपडेट नहीं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा बशर्ते की आप आज सुंदर दिख रहीं हों।और मेरे करीब हो तो सब ठीक रहेगा लेकिन अगर किसी और के साथ देख लूंगा तो शामत आ जाएगी आपकी । करीब का मतलब आप गलत तो नहीं लगा रहे आपका क्या आप तो कुछ भी सोच और कह सकते हो । गलत मतलब मत लिजिएगा क्योंकि फितरत पर आप सवाल नहीं उठा सकते । मेरी नींद टूट गई साथ ही साथ मेरा सपना भी चलों अच्छा हुआ मेरा सपना टूट गया क्योंकि कब तक मै ये सब करता नींद खुलते ही मुझे अपने आप पे शर्म आ गई क्योंकि मै ये सब सोच भी कैसे सकता था ।